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प्रसिद्ध बैंकर सुरेश एन पटेल ने सतर्कता आयुक्त के रूप में शपथ ग्रहण की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने इस साल फरवरी में इस पद के लिये सुरेश एन पटेल के नाम की सिफारिश की थी.

प्रसिद्ध बैंकर सुरेश एन पटेल ने 29 अप्रैल 2020 को भ्रष्टाचार रोधी निगरानी संस्था केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) में सतर्कता आयुक्त के रूप में शपथ ग्रहण की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि सुरेश एन पटेल को केंद्रीय सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये पद की शपथ दिलाई.
इस शपथ ग्रहण समारोह में सतर्कता आयुक्त शरदकुमार तथा आयोग के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने इस साल फरवरी में इस पद के लिये सुरेश एन पटेल के नाम की सिफारिश की थी. टी एम भसीन के अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद सतर्कता आयुक्त का पद जून 2019 से रिक्त था.

सुरेश एन पटेल के बारे में

• सुरेश एन पटेल के पास बैंकिंग क्षेत्र में तीन दशक का अनुभव है. उन्होंने साल 2015 में आंध्रा बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में प्रभार संभालने से पहले ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में कार्यकारी निदेशक के तौर पर सेवा दी थी.
• कार्मिक मंत्रालय से जारी एक बयान के अनुसार, वह भारतीय बैंक परिसंघ के सदस्य, नाबार्ड में ग्रामीण विकास बैंकर संस्थान के सदस्य और ग्रामीण एवं उद्यमशीलता विकास बैंकर संस्थान के प्रमुख भी रहे हैं.
• सुरेश एन पटेल सीवीसी के बैंकिंग एवं वित्तीय धोखाधड़ी मामलों के सलाहकार बोर्ड के सदस्य थे. उन्होंने सतर्कता आयुक्त के रूप में अपना चयन होने पर बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था.
• सुरेश एन पटेल का सीवीसी में कार्यकाल दो साल से अधिक होगा और यह दिसंबर 2022 तक होगा. सतर्कता आयुक्त का कार्यकाल चार साल का या 65 साल की आयु पूरी करने तक होता है.
• पटेल की नियुक्ति के साथ सीवीसी में अब सतर्कता आयुक्तों का कोई पद रिक्त नहीं रह गया है. सीवीसी में एक केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और दो सतर्कता आयुक्त हो सकते हैं. शरद कुमार एक अन्य सतर्कता आयुक्त हैं.

सीवीसी क्या है?

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी)  स्वायत्त स्थिति के साथ भ्रष्टाचार नियंत्रण संस्था है. यह किसी भी कार्यकारी प्राधिकरण के नियंत्रण से मुक्त है. इसके पास केंद्र सरकार की सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी की जिम्मेदारी भी है. केंद्रीय सतर्कता आयोग किसी भी कार्यकारी प्राधिकारी के नियन्त्रण से मुक्त है तथा केन्द्रीय सरकार के अन्तर्गत सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी करता है. यह केंद्रीय सरकारी संगठनो मे विभिन्न प्राधिकारियों को उनके सतर्कता कार्यों की योजना बनाने, निष्पादन करने, समीक्षा करने तथा सुधार करने मे सलाह देता है.

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